फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले को किया जा रहा है प्रताड़ित,
दो माह से नहीं हुई आवेदन की जाँच
प्रखंड की बड़ी लापरवाही उजागर
मझिआंव।गढ़वा।
एक जागरूक नागरिक द्वारा लगातार भ्रष्टाचार के विरुद्ध उठाई गई आवाज़ को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। सोनपुरवा पंचायत के पूर्व मुखियापति आनंद दुबे ने अनुमंडल पदाधिकारी, गढ़वा को पूर्व में दिए गए तीन आवेदन पत्रों में गंभीर अनियमितताओं की ओर ध्यान आकृष्ट किया था, लेकिन दो माह बीत जाने के बावजूद भी किसी प्रकार की जाँच नहीं की गई।
व्यथित आवेदक ने बताया कि जब एक पढ़ा-लिखा नागरिक नियम और कानून का पालन करते हुए अपनी बात अधिकारियों तक पहुँचाता है, तो उसे नजरअंदाज कर दिया जाता है, जबकि दबंग व रसूखदार लोग खुलेआम कानून की धज्जियाँ उड़ाते हुए गलत तरीके से सरकारी लाभ उठा रहे हैं।
मुख्य आरोप और तथ्य:
1. प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जी लाभ:
ग्राम चंद्रपुरा पंचायत सोनपुरवा में एक ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है, जिसके पास गाँव में दो तल्ला और शहर में तीन तल्ला मकान है।
2. पति-पत्नी दोनों को मिला आवास:
सत्येन्द्र रजवार और उनकी पत्नी सबिता देवी को अलग-अलग आवास स्वीकृत हुआ, जबकि योजना के अनुसार एक ही परिवार को एक आवास मिल सकता है। हैरानी की बात यह है कि दोनों आवास अब तक निर्मित नहीं हुए, फिर भी अंतिम किस्त तक भुगतान हो चुका है।
3. वृद्धा पेंशन में बड़ा घोटाला:
पंचायत में 723 वृद्धा पेंशन स्वीकृत हुए, लेकिन जाँच में 346 नामों को फर्जी पाया गया। यह लोग पिछले पांच वर्षों से पेंशन प्राप्त कर रहे थे, जिससे लगभग 50 लाख रुपये की फर्जी निकासी हुई, पर अब तक कोई जांच शुरू नहीं हुई।
आवेदक का कहना है कि इन भ्रष्ट गतिविधियों के विरोध में जब उन्होंने आवाज़ उठाई, तो उन्हें ही प्रताड़ित किया जाने लगा। उनके वैध कार्यों को भी रोक दिया गया।
उन्होंने मांग की है कि इन मामलों की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि कानून का भय बना रहे और ईमानदार नागरिकों को न्याय मिल सके।