जियाउल असफाक को मिली राहत: अपहरण मामले में निर्दोष साबित, नाजमा खातून सकुशल बरामद
मझिआंव (गढ़वा) – थाना क्षेत्र के चांदना गांव निवासी जियाउल असफाक को एक झूठे अपहरण मामले से बड़ी राहत मिली है। हाल ही में लापता हुई गांव के ही इंतखाब खां की 23 वर्षीय पुत्री नाजमा खातून को पुलिस ने उड़ीसा राज्य के थेलकोई थाना क्षेत्र के कालोनी इलाके से सकुशल बरामद कर लिया है।
पुलिस द्वारा बरामद किए जाने के बाद नाजमा खातून को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां उसने माननीय न्यायाधीश के समक्ष स्पष्ट बयान दिया कि उसका अपहरण नहीं हुआ था और जियाउल असफाक इस मामले में किसी प्रकार से शामिल नहीं थे। इसके बाद थाना में भी महिला ने वही बयान दोहराया।
नाजमा ने किया खुलासा, मां ने ग्रामीणों के कहने पर दर्ज कराया झूठा मामला
नाजमा ने अपने बयान में बताया कि उसकी मां नईमा बीबी ने गांव के कुछ जियाउल विरोधी लोगों के कहने पर एक साजिश के तहत जियाउल पर झूठा अपहरण का केस दर्ज कराया था। नाजमा ने यह भी स्वीकार किया कि वह अपने ननदोई, बभनी गांव (थाना बरडीहा) निवासी आशिक राजा उर्फ छोटू खां के संपर्क में थी और उन्हीं के साथ स्वेच्छा से उड़ीसा चली गई थी।
पुलिस ने गठित की विशेष टीम, सकुशल की बरामदगी
मझिआंव थाना प्रभारी सह पुलिस इंस्पेक्टर सुनील कुमार तिवारी ने जानकारी दी कि इस मामले में कांड संख्या 42/25 के तहत बीएनएस की धारा 84, 140(3), 78(1), 352, 351(2) में मामला दर्ज किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें एसआई तपेश कुमार, एएसआई विद्या मछुआ, एवं महिला हवलदार बबीता देवी शामिल थीं। इस टीम ने उड़ीसा के थेलकोई थाना क्षेत्र में सक्रियता दिखाते हुए नाजमा खातून को बरामद किया।
जियाउल असफाक का बयान: “मेरी छवि धूमिल करने की कोशिश की गई”
इस प्रकरण में निर्दोष साबित होने के बाद जियाउल असफाक ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्हें एक सोची-समझी साजिश के तहत झूठे अपहरण केस में फंसाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा, “मैं हिंदू-मुस्लिम समरसता का समर्थक हूं। मेरी लोकप्रियता और सामाजिक प्रतिष्ठा कुछ लोगों को रास नहीं आई, इसलिए उन्होंने मेरी छवि धूमिल करने का प्रयास किया।”
जियाउल ने कहा कि इस घटना ने उन्हें आहत किया है, लेकिन सच्चाई अब सामने आ चुकी है और जल्द ही वह इस मामले की पूरी सच्चाई जनता के सामने लाएंगे।