मझिआंव (गढ़वा) नपं क्षेत्र के लोहरपुरवा गांव में खरदी गई जमीन पर मकान बनाने हेतु कब्जा दिलाने के लिए की गई फरियाद के प्रति अंचल कार्यालय के द्वारा सकारात्मक पहल नहीं किए जाने से नाराज भू स्वामी नरविंद कुमार एवं श्याम बिहारी साह इन दोनों ने शुक्रवार की शाम अंचल कार्यालय पहुंचे। जहां पर मौजूद सीओ प्रमोद कुमार से रूबरू होते हुए दी गई पैसे की मांग करने लगे। इसी बात को लेकर भू स्वामी एवं सिओ के बीच आंशिक रूप से कहा सुनी हुई। इसके बाद धीरे-धीरे वाद विवाद बढ़ते गया और प्रखंड कार्यालय परिसर में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनो भुस्वामी ने बताया कि हम दोनों आवास बनाने के लिए सुरेंद्र सिंह से जमीन खरीदी थी। जिसका खाता संख्या 333, प्लॉट संख्या 148 एवं 557 है। लेकिन खरीदी गई जमीन मालिक सुरेंद्र सिंह के छोटा भाई महेंद्र सिंह के द्वारा जबरन घर बनाने से रोका गया था। इसकी शिकायत अनुमंडल पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी से की गई थी। लेकिन नतीजा यथावत रहा। इसी बीच महेंद्र सिंह के द्वारा उक्त जमीन पर धारा 144 लागू करा दिया गया। बताया कि 12 जून को हम दोनों को थाना से नोटिस मिला। जबकि पिछले कई महीनो से जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए भू स्वामियों द्वारा मांग करते आ रहे हैं।इसके बाद अनुमंडल पदाधिकारी से मिलने के बाद बताया गया कि यह मामला न्यायालय का है। न्यायालय के द्वारा ही विवादित जमीन का निपटारा किया जाएगा। इधर दोनों भूस्वामियों ने बताया कि जमीन की समस्या को निपटाने के लिए रिश्वत दिया गया है। इसके बावजूद भी ना जमीन का निपटारा किया गया और ना ही दी गई रिश्वत की वापसी हो सकी। बताया कि पैसा मांगने के लिए आए हुए थे। इसी बात को लेकर तू तू मैं मैं होने लगी। इसी से गुस्साए दोनों भुस्वामियों ने सीओ के के विरुद्ध देर शाम को थाना में आवेदन देकर कार्रवाई हेतु शिकायत की गई है। जबकि दूसरी ओर अंचाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि रिश्वत लेने का आरोप बेबुनियाद है। बताया कि उक्त जमीन पर धारा 144 लागू हो गया है। यह न्यायालय का मामला है। ऐसी स्थिति में कब्जा कैसे दिलाया जा सकेगा। कहा की अंचल कार्यालय के द्वारा भुस्वामियों की फरियाद को सारी कागजी प्रक्रिया पुरी कर आगे की कार्रवाई के लिए अपने विभागीय जिला कार्यालय को लिखित जानकारी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि ऑफिस आवर्स में सरकारी काम में डिस्टर्ब करने का प्रयास किया जा रहा था। इसके बाद अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए भाग रहा था। मैं उन दोनों को विषय वस्तु जानने के लिए बुला रहा था। और वह भाग रहा था।
