सिंड़हा, उंटारी रोड (पलामू) – जेपी यादव लिटिल एंजेल पब्लिक स्कूल, सिंड़हा, उंटारी रोड में वार्षिक परीक्षाफल वितरण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय के निदेशक विजय कुमार यादव और मझिआंव स्थित जेपी यादव लिटिल एंजेल पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती गीता कुमारी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर सैकड़ों अभिभावक अपने बच्चों के साथ विद्यालय प्रांगण में उपस्थित हुए, जिन्होंने अपने नन्हे-मुन्ने बच्चों के भविष्य के प्रति अपनी सजगता और समर्पण दिखाया। यह समारोह विद्यालय के लिए न केवल एक शैक्षिक उत्सव था, बल्कि बच्चों और अभिभावकों के बीच एक महत्वपूर्ण संवाद का अवसर भी बना।
कार्यक्रम में विद्यालय के निदेशक विजय कुमार यादव ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा, “आजकल के बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रखना बेहद आवश्यक है, क्योंकि एंड्रॉयड मोबाइल बच्चों के शैक्षिक जीवन के लिए एक जहर के समान है। मोबाइल फोन पर अधिक समय बिताने से बच्चों का मानसिक विकास प्रभावित होता है और उनकी पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई आती है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चों का समय मोबाइल और अन्य गैजेट्स के बजाय शैक्षिक गतिविधियों में व्यतीत हो।”
इसके साथ ही उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ सही दिशा में मार्गदर्शन दें, ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो।
कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के वाइस प्रिंसिपल विजय कुमार यादव ने किया, साथ ही इस आयोजन में विद्यालय के सभी शिक्षकगण – सबिता देवी, अंजली कुमारी, आशा सुमन, दिलीप यादव, अर्पणा कुमारी, स्वाती कुमारी, प्रिया सिंह, योगेन्द्र कुमार सिंह, और श्री अरविंद यादव ने मिलकर कार्यक्रम को सफल बनाया।
अभिभावकों के विचारों ने भी कार्यक्रम में गहरी चेतना उत्पन्न की। प्रमुख अभिभावकों में रामएकबाल यादव,नृपेन्द्र गुप्ता, कुंदन ठाकुर, और अजीत सिंह ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने बच्चों के शैक्षिक जीवन में मोबाइल के नकारात्मक प्रभावों पर चर्चा की और शिक्षकों के साथ मिलकर बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
समारोह के अंत में, बच्चों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया, और उन्हें प्रेरित किया गया कि वे भविष्य में और भी बेहतर परिणाम प्राप्त करें।
यह कार्यक्रम न केवल बच्चों की शैक्षिक उपलब्धियों का उत्सव था, बल्कि उनके मानसिक और शारीरिक विकास के लिए अभिभावकों और शिक्षकों के बीच एक मजबूत संवाद का भी प्रतीक था।
इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि बच्चों की सफलता केवल पढ़ाई पर निर्भर नहीं करती, बल्कि उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है, और इस दिशा में अभिभावकों और विद्यालय का सहयोग बेहद आवश्यक है।