भंडरिया गढ़वा भंडरिया प्रखंड सभागार में पेसा कानून एवं ग्राम सभा संबधीत दो दिवसीय प्रशिक्षण का सफल समापन
भंडरिया प्रखंड सभागार में रविवार को दो दिवसीय पेसा कानून प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन किया गया। इस प्रशिक्षण में प्रखंड के महिला एवं पुरुष वार्ड सदस्य, ग्राम प्रधान और पंचायत प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) अमित कुमार के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
इससे पूर्व 22, 23 एवं 24 अगस्त को महिला वार्ड सदस्यों के लिए तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया गया था, जिसमें महिला प्रतिनिधियों को उनके अधिकारों, जिम्मेदारियों एवं कार्य प्रणाली की गहन जानकारी दी गई थी। उस दौरान भी पेसा कानून के महत्व और इसके लाभ के बारे में विस्तार से बताया गया।
प्रशिक्षक अनूप तिवारी ने पेसा कानून की पृष्ठभूमि, इसके निर्माण वर्ष, लागू होने के उद्देश्य और ग्राम स्तर पर इसकी भूमिका पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पेसा कानून का उद्देश्य आदिवासी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम सभा को सशक्त बनाना और स्थानीय स्वशासन को मजबूत करना है। इस कानून के तहत ग्राम सभा को निर्णय लेने, संसाधनों के संरक्षण और गांव से संबंधित विकास योजनाओं में सहभागिता का अधिकार प्राप्त है।
वहीं पिंकी कुमारी ने “सशक्त पंचायत और महिला नेत्रित्व” पर मिश्रित जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिलाएं यदि पंचायत स्तर पर सक्रिय और जागरूक होंगी तो गांव के विकास कार्यों में पारदर्शिता और तेज़ी दोनों आएगी।
प्रशिक्षण को सफल बनाने में मोनिका राज (प्रखंड समन्वयक पंचायती राज), सनी कुमार (बीपीएम), जयप्रकाश गुप्ता बीपीएमयू (बी.के.) का विशेष योगदान रहा। उन्होंने विभिन्न सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों को व्यावहारिक उदाहरणों और समूह चर्चा के जरिए पेसा कानून को समझने का अवसर प्रदान किया।
कार्यक्रम में प्रखंड उप प्रमुख श्रद्धा देवी ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण से जनप्रतिनिधियों को अपने अधिकार और कर्तव्यों की स्पष्ट समझ मिलती है। इससे वे गांव की समस्याओं का समाधान बेहतर तरीके से कर सकते हैं और योजनाओं को पारदर्शिता के साथ लागू कर सकते हैं।
बीडीओ अमित कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि पेसा कानून वास्तव में ग्रामीण लोकतंत्र की आत्मा है। इस कानून के तहत ग्राम सभा को जो अधिकार मिले हैं, वे गांव के विकास को गति देने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने सभी प्रतिनिधियों से अपील की कि प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान को व्यवहारिक रूप में उतारें और गांव की बेहतरी में इसका उपयोग करें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्राम प्रधान सुमित कुमार मिंज, संजय सिंह, मानदेव सिंह, राजेंद्र माझी, बुधराम माझी, प्रेम सिंह, कोमल सिंह, रमेश सिंह, जय गोविंद राम, यदुनाथ सिंह उपस्थित रहे। साथ ही महिला वार्ड सदस्यों में रजनी लकड़ा, तारावती देवी, उषा देवी, आश्रिता लकड़ा, कलावती देवी, मीना देवी ने सक्रिय भागीदारी की।
कार्यक्रम में शामिल सभी प्रतिभागियों ने इस पहल की सराहना की और कहा कि ऐसे प्रशिक्षण से उनके अंदर नई ऊर्जा और जागरूकता आती है। उन्होंने अपेक्षा जताई कि भविष्य में समय-समय पर ऐसे प्रशिक्षण आयोजित किए जाएं, ताकि सभी जनप्रतिनिधि कानून और योजनाओं की बारीकियों से अवगत हो सकें।
दो दिवसीय प्रशिक्षण के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन किया गया और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए।