डंडई प्रखंड के पचौर से बालेखाड़ गांव जाने वाली मुख्य सड़क इन दिनों कीचड़ व जानलेवा गड्ढों में तब्दील हो गई है। जिससे राहगीर व ग्रामीण बरसात के शुरुआत से ही परेशान है। इस दिनों सड़क पर चलने वाले राहगीरों व ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हल्की भी बारिश होती है तो उक्त सड़क से लोगों पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। उक्त सड़क से गुजरने के दौरान प्रतिदिन लोग फिसल कर गिर रहे हैं। वही सड़क को दलदल होने से राहगीरों को अपने पैर से चप्पल व जूता को निकल किसी तरह सड़क के किनारों से होकर गुजरना पड़ रहा है। बारिश के बाद सड़क से दोपहिया बाइक से गुजरना खतरों से खाली नहीं है। यह सड़क बालेखाड़, महुदंड, जरही, तसरार सहित दर्जनों गांवों को जोड़ती है। बारिश से सड़क की हालत ऐसा हो गया हैं कि जैसे किसान धान की रोपनी के लिए अपने खेतों को तैयार किया हो। ऐसे में लोगों को दोपहिया,चार पहिया वाहन तो दूर लोगो को पैदल चलना भारी मुश्किल हो गया है। गांव के ग्रामीण अयोध्या भारती, उदेश्वर सिंह,अमर प्रसाद, दशई राम,शिवकुमार पासवान,प्रयाग मिस्त्री, बिनोद राम,उदय साह,जनन पासवान,सुग्रीव प्रसाद, हरिहर सिंह,विन्हाई राम,श्रवण कुमार, सूर्यदेव प्रसाद सहित दर्जनों लोगों बताया कि पचौर से बालेखाड़ गांव तक सड़क कीचड़ व दलदल में तब्दील हो गई। जिससे इन दिनों सड़क से गुजरना मुश्किल हो गया है। वही बताया कि इसके पहले सड़क इतना खराब नहीं होता था। लेकिन लवाही से पचौर सड़क निर्माण के समय संवेदक के द्वारा पचौर से बालेखाड़ सड़क को भी निर्माण के नाम पर खोदाई करा दिया गया। कुछ माह बाद पत्ता चला कि इस सड़क को निर्माण नहीं कराया जाना है। सड़क के खोदाई के बाद बरसात आते ही सड़क दलदल व कीचड़ में तब्दील हो गई। जिससे गांव के ग्रामीणों के साथ-साथ राहगीरों को भी आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिसका नतीजा है कि राहगीरों को आज पचौर गांव जाना खतरों से खाली नहीं है।